ईमानदारी से कहूं — ध्यान करना मेरे लिए हमेशा आसान नहीं होता।


शांत बैठना, आंखें बंद करना, सांसों को देखना… कभी-कभी मन बस साथ नहीं देता।

जो बात मुझे सबसे ज़्यादा मदद करती है, वो है भगवान का नाम जपना — चाहे वो आपके लिए कोई भी नाम हो। यह भीतर के शोर को शांत करता है, मन को केन्द्रित करता है, और धीरे-धीरे मुझे शांति की ओर ले जाता है।

नीम करौली बाबा — महाराज जी — पारंपरिक तरीकों से बहुत कम सिखाते थे।
न प्रवचन, न कोई चरणबद्ध साधना। लेकिन मैंने सुना है कि अगर आप उन्हें ध्यान से देखते, तो अक्सर उनके होंठ हौले-हौले हिलते दिखाई देते।
“राम राम राम,” वो बार-बार कहते रहते।

“राम का नाम लेने से सब कुछ सिद्ध हो जाता है।”

मैंने इस अभ्यास को अपने रोज़ के जीवन में शामिल कर लिया है।
ट्रैफिक सिग्नल पर इंतज़ार करते हुए।
किसी लाइन में खड़े होकर।
कुत्ते को टहलाते समय।
सोने से पहले बिस्तर पर लेटे हुए।

यह मेरा सहारा बन गया है।
यह चंचल मन को स्थिर करता है।
और सबसे महत्वपूर्ण बात — यह मुझे वर्तमान में वापस लाता है। एक पवित्र अनुभूति के पास।

जय राम 🙏


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